
सूरजपुर(राजेश सारथी की रिपोर्ट):-जिले के रामानुज नगर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम मोहनपुर आमा झरिया में उस समय हड़कंप मच गया,जब एक 60 वर्षीय बुजुर्ग झीक नदी पार करने के दौरान तेज बहाव में बह गया,हादसा शनिवार दोपहर 3:00 बजे हुआ जब मोहन सोरी नामक व्यक्ति उफती नदी को पार कर रहा था, ग्रामीणों के अनुसार मोहन सोरी के साथ श्यामपुर के बासापारा का एक अन्य बुजुर्ग भी था,जो झाड़ियों को सहारे किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रहा मगर मोहन सोरी नदी की तेज बहाव में बह गया,घटना के बाद गांव में चिंता और शोक की लहर है ! खबर लिखें जाने तक नदी में बहे बुजुर्ग का शव कोरबा जिले के बांगो नदी से बरामद किया गया हैं!
बारिश बनी मुसीबत राहत एवं बचाव कार्य रहा असफल….
जिले में बीते एक सप्ताह से रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं, कई नदी नालो के पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है,जिससे राहगीरों का जान का जोखिम ओर बड़ गया है,रविवार को स्थानीय पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच,नदी के करीब 200 मीटर के दायरे में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन देर शाम तक नदी में बहे बुजुर्ग का कोई सुराग नहीं मिला, देर शाम के कारण अंधेरा होने से तलाशी अभियान को रोकना पड़ा !

पीड़ित परिजनों से मिलने एवं घटनास्थल पर पहुंची जिपं.सभापति मोनिका सिंह…
हादसे की खबर मिलते ही जिला पंचायत सभापति मोनिका सिंह घटना स्थल पर पहुंची उन्होंने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर ढाढ़स बांधा और कहा कि यह एक अत्यंत दुखत और चिंता जनक घटना है, मैं इस मुद्दे को शासन-प्रशासन के समक्ष गंभीरता से रखूंगी और पीड़ित परिजनों को उचित मुवावजा एवं झींक नदी पर स्थाई पुलिया निर्माण की दिशा में सिद्ध पहल की जाएगी, इस दौरान उनके साथ ग्रामीणजन भी मौजूद रहे,जिन्होंने वर्षों से पुलिया निर्माण की मांग को दोहराया !
ग्रामीणों में आक्रोश और भय का माहौल…..
स्थानीय लोगों का कहना है की बारिश की मौसम में हर साल झिक नदी पार करना जान जोखिम में डालने जैसा होता है, लेकिन आज तक शासन प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया,ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल स्थायी समाधान के लिए मांग किया हैं और झींक नदी में बहे बुजुर्ग के परिजनों को मुवावजा देने की मांग रखी हैं ! 
ग्रामीणों का आरोप नदी में पुल के लिए वर्षो से की जा रही हैं मांग, पर सिर्फ मिला आश्वासन…..
ग्रामीणों का आरोप हैं कि झींक नदी में वर्षो से पुलिया के लिए मांग किया जा रहा हैं, लेकिन शासन प्रसाशन हर बार आश्वासन का लॉलीपॉप पकड़ा कर निकल जाते हैं, ग्रामीणों के मुताबित नदी में पुल नहीं होने से बरसात में हमेंशा जान माल का नुकसान झेलना पड़ता हैं,ग्रामीणों के मुताबिक जिस जगह पर घटना घटित हुआ, उस नदी के उस पार लगभग 25 गांव के लोग निवासरत हैं,जो बरसात आते ही बुनियादी सुविधा के लिए जान जोखिम में डालकर में नदी पार करते हैं, परन्तु जिम्मेदार कुम्भकरणीय निद्रा में सोए हुए हैं!
