
बिलासपुर – छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर में पुलिस ने एक ऐसे नशा तस्कर का भंडाफोड़ किया है, जो ढाबा व्यवसाय की आड़ में नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहा था। आरोपी और उसकी पत्नी ने 1.5 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की थी।पुलिस ने जांच के बाद यह संपत्ति जब्त कर SAFEMA (Smugglers and Foreign Exchange Manipulators Act) कोर्ट, मुंबई में पेश की है।
तहखाने में छिपा था नशे का जखीरा….
सिविल लाइन थाना क्षेत्र में स्थित आरोपी का ढाबा पुलिस की जांच का केंद्र बना। तलाशी के दौरान ढाबे में एक गुप्त तहखाना मिला, जहां गांजा, प्रतिबंधित कफ सिरप और इंजेक्शन छिपा कर रखे गए थे। यह तहखाना विशेष रूप से नशे के सामान को छिपाने के लिए बनाया गया था।
NDPS एक्ट के तहत पहले भी हो चुकी थी गिरफ्तारी…
CSP निमितेश सिंह ने बताया कि श्याम श्रीवास और उसकी पत्नी पहले भी प्रतिबंधित दवाइयां बेचते हुए पकड़े जा चुके हैं। हाल ही में भी उन्हें तालापारा क्षेत्र से प्रतिबंधित कफ सिरप और इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
अवैध कमाई से खरीदी गई जमीन और ढाबा…
पुलिस जांच में सामने आया कि श्याम और सरोज ने ग्राम पांड़, तखतपुर रोड पर 28 डिसमिल कृषि भूमि खरीदी थी, जिसकी कीमत करीब 80 लाख रुपए है। इस पर उन्होंने 60 लाख की लागत से ढाबा बनवाया। ढाबे के भीतर से नशीले पदार्थों के साथ-साथ फ्रीजर, कूलर, वॉटर प्यूरीफायर, फर्नीचर, टीवी और एक चिड़ीमार बंदूक जब्त की गई।
संपत्ति जब्ती की मिसाल बनी पुलिस की कार्रवाई..
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि आरोपियों का यह ढाबा केवल एक दिखावा था, जबकि असली मकसद नशे की तस्करी करना था। उनके पास ढाबा के अलावा कोई अन्य वैध आय का स्रोत नहीं था, जिससे इतनी बड़ी संपत्ति बनाना संभव हो। पुलिस ने इस कार्रवाई को नशे के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों के लिए एक सख्त संदेश बताया। अब तक पुलिस ने NDPS एक्ट के तहत 15 से अधिक आरोपियों की करीब 5.5 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की हैं, जिन्हें SAFEMA कोर्ट ने भी वैध ठहराया है।
