पहाड़ी और घने जंगलों से घिरा इलाका,वन विभाग ने दी त्वरित सहायता…
कुल्हाड़ीघाट (मैनपुर):- ब्लॉक मुख्यालय से लगभग 9 किलोमीटर दूर पहाड़ी और घने जंगलों के बीच बसे ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के आश्रित ग्राम भालूडिग्गी में बीती रात एक युवक सर्पदंश का शिकार हो गया। घटना उस समय की है जब गांव का निवासी गोपीराम नेताम (30वर्षीय) अपने घर से शौच के लिए बाहर गया था। उसी दौरान अचानक उसके दाहिने पैर में एक जहरीले सांप ने काट लिया,जिससे वह तत्काल बेहोश हो गया। परिजनों ने जैसे ही युवक को बेहोश देखा,आननफानन में उसे तुरंत लकड़ियों और कपड़ों से मिलाकर एक डोला तैयार किया और उसे लेकर लगभग 9 किलोमीटर की कठिन पहाड़ी और जंगली रास्तों से पैदल यात्रा कर कुल्हाड़ीघाट तक पहुंचे। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। युवक को तत्काल उपचार के लिए मैनपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बताया कि अब वह खतरे से बाहर है। सर्पदंश की गंभीरता को देखते हुए समय पर अस्पताल पहुंचाना उसके जीवन के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। युवक के पिता दशरथ नेताम ने बताया कि रात को बेटे के शौच के लिए बाहर निकलते ही सांप ने पैर पर हमला कर दिया था। गांव में तत्काल चिकित्सा सुविधा नहीं होने के कारण उसे कंधे पर ढोकर लाना पड़ा। यह इलाका अत्यधिक दुर्गम और वनवासी क्षेत्र है,जहां संचार और परिवहन की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। वन विभाग ने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए तत्काल युवक के परिवार को 1000 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह क्षेत्र जंगली जानवरों और विषैले जीवों से भरा हुआ है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण ऐसी घटनाएं जानलेवा बन सकती हैं। इस घटना ने एक बार फिर से पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके। सर्पदंश जैसी घटनाओं से ग्रामीणों को बचाने के लिए जागरूकता और त्वरित चिकित्सा सेवा की आवश्यकता है।

कहा हैं जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि,अब तक क्यों नहीं पहुंचा बुनियादी सुविधा:– तस्वीरें देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वर्तमान में बीहड़ जंगलों से घिरे मैनपुर क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से ग्रस्त हैं,अब सवाल यह उठता हैं आखिरकार ज़िम्मेदारों के आंखों पर धृष्ट्रराष्ट की पट्टी कब हटेगी और जनता को उनके मूलभूत समस्याओं से निजात कब मिलेगी। कहा हैं जनता से वोट मांगने वाले नेता और कहा हैं फर्जी आश्वासन देने वाले अधिकारी कब तक सोए रहेंगे।
